
तुम चाहे जो भी मानो, भला भी मुझे ना जानो,
मै तो तेरे प्यार का दिवाना मस्ताना हूॅ।
तुम हो अद्र्धांग मेरी , मै हूॅ पूर्णांग तेरा,
दिल में तुम घुस जाओ तेरा मै ठिकाना हूॅ।।
तुझसे ’बिपाशा’ जैसी आशा है लगायी मैने,
तुझको को तो देखो मै ’ऐश’ हूॅ समझता।
दिल के लिए भी तो हो दिलदार साथी तुम,
तुझको करोड़ों की हूॅ ’कैश’ हूॅ समझता।।
’मल्लिका’ सी रंग तेरी, सुन लो प्राणेश मेरी,
तेरे संग फेरे लेके हुआ मै तो धन्य हूॅ।
शादी के तो पहले मै, बड़ा ही मूरख था ही,
शादी के तो बाद मै भी बना मूर्धन्य हूॅ।।
धन्य धन्य सासु और ससुर मेरे साले सब,
जिसने तुम्हारी मेरे संग में सगाई की।
सुनता था फाटक के आड़ से मैं छिपकर ,
तेरे बाप भाई ने जो घर में बड़ाई की।।
सात सात सालियों की बहना हमारी बीबी,
तुझको तो प्यार की मै ट्रेक हूॅ समझता।
तुम जो कहे है मेरी देवी महादेवी सुन,
अपने को हरपल क्रैक मै समझता।।
लाल लाल गाल जो थे हुए हैं छुहारे अस,
अब और प्यार मंे भी फॅस नही सकता।
शादी के तो पहले मै हॅस लिया इतना हूॅ,
कि आज थोड़ा खुलकर हॅस नही सकता।।
किसकी मजाल है जो तेरा ना सम्मान करे,
देखो तेरा भाई जो मिसाइल बनाता है।
इसीलिए तेरे संग जाता नही ससुराल,
चाहे वह कितना ही मुझको बुलाता है।।
बुरा मत मानो देवी सच सच कहता हूॅ,
तुम तो ’रबीना’ और ’करीना’ से महान हो।
रहती हो मेरे संग बीबी भी हमारी ही हो,
पर तुम हर पल टी0 वी0 पे कुरबान हो।।
Bahut acchi kavita hai.
जवाब देंहटाएंपत्नी को वैसे भी किसी से कम नहीं समझना चाहिए ..फिर तुलना की तो बात ही नहीं ..वह वैसे ही खुश रहती है बस खुश रखने वाला साथी होना चाहिए ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
वाह क्या बात है
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